
महेश नगर बिल्डिंग हादसे में पीड़ितों को राहत कम राजनीति ज्यादा
नेताओ द्वारा पिडित परिवारो को भरमाने की शुरूवात
भाईन्दर = तुफानी बरसात मे शिवसेना गल्ली की इमारत महेश नगर नंबर 2 के परिवार हादसे के बाद से दर दर को ठोकरे खाने को मजबुर है वही स्थानिय नेता इस मामले मे श्रेय लेने की होड मे है। इस इमारत मे 39 परिवार रहते थे जिसमे 8 से 10 मकान मालीक थे बाकी लोग वहा किराये पर रहते थे। इस हादसे के बाद इस इमारत को मनपा द्वारा लोगो के सामान के साथ तोड दिया गया था । इस तोडक कार्यवाही पर यहा के लोग सवाल भी उठा रहे है की क्या यह इमारत इतनी खतरनाक थी की इसको तुरंत तोडना पडा। जब यह इतनी ही खतरनाक थी तो मनपा के प्रभाग अधिकारी इनको नोटीस देने के बाद चुप क्यो बैठे थे। यहा के स्थानीय नेता इस इमारत मे रह रहे परिवारो को एमएमआरडीए की इमारत मे पुनर्वसित करने की माग कर रहे है परन्तु यह संभव है क्या । इसका फायदा सिर्फ मकान मालीको को ही मिलेगा। परन्तु जो यहा किराये पर रह रहे थे उनका क्या। यहा के लोग आरोप लगा रहे है की नेता जनता को गुमराह करने का काम कर रहे है। इस इमारत मे सबसे ज्यादा किसी का नुकसान हुआ है तो वह किरायेदार है। कम भाडे पर रहने वाले लोगो की माली हालत समझी जा सकती है वही उनकी मेहनत से जमा किये सामान को भी तोड दिया गया है। वही इनको जो नुकसान भरपाई की मांग की गयी है वह मुआवजा इनको तुरंत मिलेगा क्या। जबकी इनको तो तुरंत मदद की जरूरत है। यहा के लोग आरोप लगा रहे है की पिडित परिवार हादसे के बाद से यहा वहा मदद की आस मे भटक रहे है । नेता सिर्फ मदद के नाम पर मंत्रीयो व आयुक्त को निवेदन कर रहे है लेकिन यहा की कई संस्था इन लोगो की बिना स्वार्थ के मदद कर रही है। लोगो ने यह भी आरोप लगाया कि इस इमारत को नोटीस देने के बावजुद वार्ड अधिकारी व सोसायटी के लोगो पर गैर इरादतन हत्या व घोखाधडी का मामला दर्ज करना चाहिये। हमारे शहर मे ऐसी कई जर्जर इमारते इसी तरह के हादसे का इंतजार कर रहे है।