
महापौर निवास में बन रहे महिला बालकल्याण भवन की 90 लाख निधि में कितनी होगी बन्दर वाट
महापौर निवास में बन रहे महिला बालकल्याण भवन की 90 लाख निधि में कितनी होगी बन्दर वाट
मिरारोड = मिरा भाईन्दर का महापौर निवास जब से बना है अधिकतर बंद ही रहा है। यह महापौर निवास खंडहर मे बदल चुका था उसकी अब किस्मत बदल चुकी है अब वहा जल्द ही महिला भवन बनने जा रहा है। इस महापौर निवास का उद्घाटन 16 मार्च 2007 को गणेश नाईक के हाथो हुआ था। इन 14 सालो मे सिर्फ निर्मला सावले ने ही इसका उपयोग अपने कार्यकाल के दौरान किया था। अधिकतर यह बंद ही रहा है। इसके रख रखाव मे करोडो रूपये खर्च हो चुके है। अब यहा पर महिला भवन बनाया जा रहा है इसका भुंमी पुजन महापौर ज्योत्सना हसनाले के हाथो किया गया है इस अवसर पर अधिकतर नगरसेवक व महिला बाल कल्याण समिती की सदस्य उपस्थित थे। इस भवन को बनाने के लिये 90 लाख की लागत आयेगी । यहा पर महिला बाल कल्याण की तरफ से महिला भवन बनाने की मांग की गयी थी जिसे अब मान्य करके इसके लिये कार्य शुरू कर दिया गया है। मिरा भाईन्दर की महिलाओ के विकास के लिये किये जाने वाले कार्य अब यहा से ही शुरू किये जायेगे। इसके अलावा यहा पर महिलाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण भी दिया जायेगा जिसमे सिलाई , ब्युटी पार्लर , कम्प्युटर इत्यादि शामील है। जिस महापौर निवास मे कभी कंबुतरो का बंसेरा हुआ करता था वह अब महिलाओ के विकास के लिये प्रयोग किया जायेगा। इस फैसले से महिला बाल कल्याण की सदस्यो के अलावा यहा की महिलाओ ने खुशी व्यक्त की है तो वही शहर में चर्चा का विषय बना हुआ हैं की 90 लाख की निधि इसके दुरुस्तीकरण और साहित्य के लिए दी गई हैं कही न कही इसमें भ्रष्टाचार की बू नजर आ रही हैं एक तरफ तो मिरा भाईन्दर शहर कोरोना महामारी से झुंज रहा हैं कही नगरसेवकों ने अपनी निधिया कोरोना के रोकथाम के लिए मनपा आयुक्त को दे दी हैं तो वही दूसरी और सत्ताधारी मिरा भाईन्दर में महापौर निवास जो शहर की पहचान हैं और धरोहर हैं उसका अस्तित्व मिटा ने में लगी हैं दो वर्षो के बाद अन्य पार्टी की सरकार आती हैं तो उस वक्त यह 90 लाख जनता का स्वाह किया जाएगा और महापौर निवास में बन रहे बालकल्याण भवन का अस्तित्व मिटा दिया जाएगा इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता।