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भारत की माटी के हर कण में समायी है भक्ति-भावना : आचार्य करुणेश शुक्ला

भारत की माटी के हर कण में समायी है भक्ति-भावना : आचार्य करुणेश शुक्ला

आरएसएस कार्यकर्ताओं ने ५ करोड़ नोटों से सजाया माता का दरबार
मुंबई। 
भक्तगण अपनी यथा शक्ति जथा भक्ति अनुरूप माता जी की सेवा में लीन हैं। हों भी क्यों न आखिरकार यह भारत देश की माटी का असर है, जो सैकड़ों साल मुगल से लेकर अंग्रेजों ने भले ही देश पर हुकूमत किया, लेकिन श्रद्धा पर थोड़ा भी उन सबका जरब नहीं पड़ पाया तो यह कोरोना वायरस दो साल के अंतराल में क्या असर भक्तों की भक्ति पर डाल सकता है। यह बात अलग है कि कोरोना काल में भले ही अर्थव्यवस्था चरमरा गई हो, लेकिन भक्तों की भक्ति के आगे कोरोना की भी मार नहीं टिक पायी, जिसकी बदौलत भक्त माता के दरबार को सजाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ते दिखाई पड़ रहे हैं। इस तरह की बात कहते हुए आचार्य करुणेश शुक्ला ने कहा कि इसका जीता-जागता उदाहरण आंध्र प्रदेश के एक मंदिर की सजावट आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। दरअसल मंदिर को पांच करोड़ रुपये से अधिक के नोटों से सजाया गया है। नेल्लोर जिले के वासवी कन्याका परमेश्वर मंदिर में देवता को ५.१६ करोड़ रुपये के करेंसी नोटों से सजाया गया है। इस खबर को ज्यादा से ज्यादा से कवर भी किया गया है।
गौरतलब हो कि यह सजावट १०० से ज्यादा स्वयंसेवकों ने मिलकर की है, जिसमें कई घंटों का समय लगा है। मंदिर को सजाने के लिए २,००० रुपये, ५०० रुपये, २०० रुपये, १०० रुपये, ५० रुपये और १० रुपये के नोट का उपयोग किया गया है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब किसी मंदिर को मुद्रा नोटों से सजाया गया हो। तेलंगाना के जोगुलम्बा गडवाल जिले में कन्या का परमेश्वरी मंदिर को १,११,११,१११ रुपये के करेंसी नोटों से सजाया गया था। २०१७ में, मंदिर समिति ने ३,३३,३३,३३३ रुपये के करेंसी नोटों के साथ इसी तरह की व्यवस्था में प्रसाद चढ़ाया था। यह मंदिर इन दिनों भक्तों के बीच चर्चा का केंद्र बना हुआ है। बताया गया है कि मंदिर में हर साल लाखों रुपयों का चढ़ावा चढ़ाया जाता है और इन रुपयों से मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया जाता है। नवरात्रि में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में दर्शन करने पहुंचते हैं।


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