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गुटखे के माध्यम से होने वाली गंदगी को साफ करने में रेलवे को करना पड़ता है करोड़ों का खर्च

गुटखे के माध्यम से होने वाली गंदगी को साफ करने में रेलवे को करना पड़ता है करोड़ों का खर्च

मुंबई। पान और गुटखे आदि का सेवन करने वालों द्वारा थूंके गए स्थान को साफ करने के लिए रेलवे को करोड़ो खर्च करने पड़ते हैं। मतलब ५,१० आदि रुपये खर्च कर गुटखा आदि व्यसन पदार्थों का सेवन करने वालों के लिए यह खबर विशेष है, क्योंकि इन सब की वजह से रेलवे को भी बहुत परेशानी होती है और पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं। जैसा कि रेल प्रबंधन सभी स्टेशनों पर यहां न थूके और स्टेशन व ट्रेन को साफ रखने का संदेश देती है। इसके बावजूद कई यात्री अपने बर्ताव में जरा भी सुधार नहीं लाते। इसी के तहत ट्रेन व स्टेशन परिसर गंदा न हो इसके लिए रेलवे नागपुर की एक स्टार्टअप कंपनी ईजीपिस्ट के साथ करार किया है। इस करार के तहत स्टार्टअप कंपनी रेलवे के पश्चिम, उत्तर व मध्य रेल जोन के लिए वेंडिंग मशीन या कियोस्क लगाने की तैयारी कर रही है। स्टेशन परिसर पर यात्री थूक देते हैं तो उसकी सफाई में रेलवे हर साल १२०० करोड़ रुपये खर्च करती है। यह आंकड़ा काफी बड़ा है, लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार रेलवे अपने सभी जोन व मंडल में इस तरह के सफाई अभियान चलाती रहती है। इन कियोस्क की मदद से कोई भी यात्री अपने गुटखा को थूकने के लिए पीकदान या स्पिटून पाउच खरीद सकते हैं। छोटे वाले की कीमत पांच जबकि बड़े वाले पाउच की कीमत १० रुपये होगी। फिलहाल यात्रियों के इस्तेमाल के लिए देश के ४२ स्टेशनों पर ऐसे स्टॉल लगाने की तैयारी कर रही है। स्पिटून या पीकदान पाउच पूरी तरह से बायो डिग्रेबल होगा। जिसे १५ से २० बार इस्तेमाल किया जा सकता है।


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