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टैक्स चोरी के मामले में 35 लोगों के खिलाफ 30,000 पन्नो का आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल

टैक्स चोरी के मामले में 35 लोगों के खिलाफ 30,000 पन्नो का आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल

बिक्री कर कार्यालय में फर्जी चालान और दस्तावेज जमा कर की गई थी 17 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी


तत्कालीन ठाणे और अब पालघर जिले में बिक्री कर विभाग (अब वस्तु एवं सेवा कर कार्यालय) में फर्जी चालान व दस्तावेज बनाकर 17 करोड़ रुपये से अधिक की कर चोरी के मामले में एसीबी ने बिक्री कर कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों सहित 35 लोगों के खिलाफ पालघर सत्र न्यायालय में 30 हजार पन्नो का आरोप पत्र दाखिल किया है। टैक्स चोरी का यह मामला 2010 में सामने आया था। मिली जानकारी के अनुसार बिक्री कर विभाग के नौ अधिकारियों और कर्मचारियों, 21 कंपनियों के निदेशकों, तीन निजी व्यक्तियों और दो कर सलाहकारों ने मिलकर फर्जी कागजात तैयार कर टैक्स चोरी की गई थी।
मामले के खुलासे के बाद वरिष्ठ बिक्री कर अधिकारी ने पालघर पुलिस स्टेशन में टैक्स चोरी का मामला दर्ज कराया था। लेकिन यह एक वित्तीय गड़बड़ी का मामला था, इसलिए केस को नवी मुंबई में वित्तीय अपराध शाखा को सौपा गया। जिसके बाद कई लोगों को गिरफ्तार किया गया। चूंकि यह सरकारी अधिकारियों के कदाचार और गबन का मामला भी था, इसलिए शिकायत को तत्कालीन ठाणे और अब पालघर के भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो(एसीबी) को सौप दिया गया। हालांकि कुछ आरोपियो ने जांच पूरी होने के बाद चोरी किये गए टैक्स को भर दिया। लेकिन उन्हें सरकारी कार्यालय के कदाचार के मामले में भी दोषी पाया गया। 

एसीबी ने मामले की जांच कर बिक्री कर कार्यालय से सबूत जुटाए। जिसमें 17 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी सामने आई। इस मामले में, बिक्री कर कार्यालय के अधिकारी, निजी कंपनी के निदेशक और कर सलाहकार सहित 35 लोगों को टैक्स चोरी का षड्यंत्र रचने का आरोपी पाया गया। आरोप पत्र छह दिसंबर को पालघर सत्र न्यायालय में दायर किया गया था। पालघर एसीबी के उपाधीक्षक नवनाथ जगताप ने कहा कि इसमें कुछ त्रुटियों के कारण 30,000 पन्ने का आरोप पत्र 10 दिसंबर को दायर किया गया। लोक अभियोजक सुनील सावंत ने कहा कि न्यायालय में सुनवाई के दौरान मजबूती से शासन का पक्ष रखा जाएगा।


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