
एनजीटी ने अंक फार्मा कंपनी की जांच के लिए गठित की समिति
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) का कहना है कि नागरिकों की सुरक्षा और पर्यावरण सरंक्षण चिंता का प्रमुख विषय है और ”टिकाऊ विकास और प्रदूषक भुगतान” सिद्धांतों को लागू करने के लिए किसी भी औद्योगिक गतिविधि को ऐसी चिंताओं के अनुरूप होना चाहिए। एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने पालघर के तारापुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित अंक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड नामक दवा कंपनी का दौरा करने के लिए आठ सदस्यीय समिति गठित करने के दौरान उक्त टिप्पणी की। समिति में पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, औद्योगिक सुरक्षा के निदेशक और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण समेत पालघर के जिलाधिकारी भी शामिल होंगे।
एनजीटी ने कहा, ”नागरिकों की सुरक्षा और पर्यावरण सरंक्षण चिंता का प्रमुख विषय है और ‘टिकाऊ विकास और प्रदूषक भुगतान’ सिद्धांतों को लागू करने के लिए किसी भी आर्थिक औद्योगिक गतिविधि को ऐसी चिंताओं के अनुरूप होना चाहिए। पीठ ने कहा, घटनाक्रम से जुड़े तथ्यात्मक पहलू, दुर्घटना से बचाव की विफलता का कारण, जीवन-पर्यावरण को नुकसान की सीमा, भुगतान की जाने वाली मुआवजा राशि और अन्य आवश्यक निपटारा उपायों को इस अधिकरण द्वारा निर्धारित करना होगा। एनजीटी सैयद मोहम्मद साबिर उस्मान की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जो पालघर के तारापुर औद्योगिक क्षेत्र में स्थित अंक फार्मा प्राइवेट लिमिटेड के संचालन के खिलाफ दायर की गई है। इसी को लेकर गठित समिति कंपनी का दौरा कर रही है। 11 जनवरी 2020 को हुए एक विस्फोट की चपेट में आने से इस कंपनी में आठ लोगों की मौत हो गई थी और सात अन्य घायल हुए थे।