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पालघर के पर्यटन स्थलों को मिलेगी नई पहचान

पालघर के पर्यटन स्थलों को मिलेगी नई पहचान

पालघर के 29 पर्यटन केंद्रों को जाएगा चमकाया

महाविकास आघाड़ी सरकार ने 6 करोड़ 81 लाख 70 हजार की दी निधि

पालघर। महाराष्ट्र के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे के प्रयासों से राज्य में पर्यटन स्थलों को नए सिरे से निखारा जा रहा है। ताकि ज्यादा से ज्यादा देश और दुनिया के पर्यटक यहां पर आए। इसी कड़ी में पालघर में पर्यटन को नई पहचान देने और  इसे बढ़ावा देने के लिए सीएम उद्धव की अगुवाई वाली महाविकास आघाड़ी सरकार गंभीर हो गई है। पर्यटकों को रिझाने के लिए राज्य सरकार ने  पर्यटन क्षेत्रो को विकसित करने की योजना पर कार्य शुरू कर दिया है। 

पालघर को प्राकृतिक, ऐतिहासिक, पौराणिक, भौगोलिक जैसे विभिन्न पर्यटन वैभव मिले हैं। जिले में जंगल, पुराने किले और दुर्ग, मंदिर, खूबसूरत समुंदर किनारे, वन्यजीव जैसे पर्यटन की एक विस्तृत विविधता है। इनके विकास से पालघर की खूबसूरती को राज्य में एक पहचान मिलेगी। इसके लिए सरकार ने बीते साल भी करोड़ो की निधि दी थी।

अब राज्य सरकार ने एक बार फिर 6 करोड़ 81 लाख 70 हजार की निधि जिले के पर्यटन विकास के लिए दी है। इस निधि से जिले के पालघर, मोखाडा, जव्हार, वाडा, विक्रमगड, तलासरी सहित 6 तालुका के 29 पर्यटक स्थलों का विकास किया जाएगा।पर्यटन स्थलों की ओर जाने वाली सड़कें, पर्यटन स्थलों का सौंदर्यीकरण, पर्यटकों को दी जाने वाली मूलभूत सुविधाएं सहित अन्य विकास कार्यो को किया जाएगा। वहीं, पर्यटन स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा दीवार के साथ इस पर्यटन कोष के तहत बाड़ लगाने की भी योजना तैयार की गई है। इसका मकसद यहां पर्यटन विकास को बढ़ावा देकर पर्यटकों को पालघर के प्रति आकर्षित करना है।

इन पर्यटन स्थलों को जाएगा निखारा

पालघर तालुका में सातवली मंदिर, गर्म पानी की टंकी,तांदुलवाडी किला और दापोली पर्यटन स्थल के विकास के लिए 82 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। मोखाडा तालुका में वॉल ब्रिज पर्यटन, देवबंध, खोडाला, ओसर्विरा वशाला जैसे विभिन्न स्थानों पर पर्यटन स्थलों के सौंदर्यीकरण और सड़कों के सुधार के लिए 2 करोड़ 35 लाख 16 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। जव्हार तालुका के दाभोसा, बालकापारा, शिवमंदिर, सनसेट पॉइंट, जामसर तालाब, कालमांडवी पर्यटन, डेंगाचीमेट, खडखड खडखड़ जैसे पर्यटन स्थलों के विकास कार्यों के लिए 2 करोड़ 54 लाख 87 हजार रुपये स्वीकृत किए गए हैं। वाडा तालुका में, कोहोच किला और यहां पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 40 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे।विक्रमगढ़ तालुका में हातोबा पीक पर्यटन के विकास कार्य के लिए 19 लाख 80 हजार और तलासरी तालुका में झाई पर्यटन स्थलों के लिए 49 लाख 90 हजार की निधि स्वीकृत की गई हैं।

योजना बनाकर तीर्थ स्थलों पर पर्यटन स्थलों का हो रहा विकास

राज्य सरकार से मिल रही निधि से एक योजना बनाकर जिले के तीर्थ स्थलों एवं पर्यटन स्थलों के विकास के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इनके विकास के बाद पालघर के पर्यटक स्थलों को नई पहचान मिलेगी। जिससे जिले में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुचेंगे। और इससे ग्रामीणों के लिए नए रोजगार के साधन भी पैदा होंगे।

माधव संकपाले-कार्यकारी अभियंता लोकनिर्माण विभाग पालघर

आदिवासियों के गांवों की बदलेगी तस्वीर

आदिवासी बहुल पालघर में पर्यटन की अपार संभावनाएं है। इन्हें अब राज्य सरकार धरातल पर उतार रही है। जिससे आदिवासियों के गांवों की तस्वीर तो बदलेगी ही यहां के कई गुमनाम पर्यटक स्थलों के सौंदर्यीकरण होने पर उन्हें एक नई पहचान भी मिलेगी।

चंदन सोलंकी-रहिवासी पालघर

विरासत में मिली धरोहर रहेगी सुरक्षित

पालघर जिले में सैकड़ों वर्षो के पुराने किले और मंदिर सहित यहां कई प्राकृतिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहर मौजूद है। ये पर्यटन की दृष्टि से जिले को अति महत्वपूर्ण बनाती है। पर्यटन क्षेत्रों के विकास का निर्णय सराहनीय है। महाविकास आघाड़ी सरकार के प्रयासों से जिले को विरासत में मिली धरोहर भी सुरक्षित रहेगी।

महेंद्र सिंह- रहवासी  पालघर


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