
भ्रष्टाचार का गढ़ बना विकासखंड मेहनगर
मेहनगर आजमगढ़ जैसा कि हमने कहा था पिछले अंक में कि हम मेहनगर ब्लॉक के भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारियों की करणी कथनी कुछ इस अंक में बयां करेंगे जैसा कि जहां तक सूत्रों से पता लगा कि कई गांव ऐसे हैं जिसे पंचायत भवन का पैसा तो उठ गया पर पंचायत भवन आज तक नहीं बना और जब इसकी जानकारी ब्लॉक पर भ्रष्ट अधिकारी कर्मचारी से किया जाता है तो उनका जवाब होता है कि पैसे प्रधान खा गए हैं उसकी रिकवरी की जाएगी रिकवरी तो की जाएगी पैसा का पर ऐसा होता क्यों है है ऐसी दशा में इसी तरह एक सूचना शेखुपुर ग्राम सभा में मिली नए प्रधान से जब बात किया गया तो प्रधान कह रहे हैं कि हमारे ऊपर ब्लॉक के अधिकारी कर्मचारी दबाव बना रहे हैं कि आप पंचायत भवन बनाइए उन्होंने यह भी कहा कि ₹300000 पीछे के प्रधान निकाल चुके हैं पंचायत भवन के नाम पर जो अभी तक पंचायत भवन के नाम पर एक भी इट नहीं रखा गया है ऐसा कहना वर्तमान प्रधान का है क्यों ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों कर्मचारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं की जाती है इससे पहले कि वह कुछ और भ्रष्टाचार करें उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करके क्यों नहीं उनको सलाखों के पीछे डाला जाता है एडीओ पंचायत अनिल कुमार जी से किसी कार्य के बारे में जानकारियां चाहिए इनका भी बात करने की शैली किसी जिलाधिकारी से कम नहीं है इनसे एक जानकारी यह जानने चाहे कि जो सफाई कर्मी है क्या कोई सफाई कर्मी अपने ही गांव में नियुक्ति हो सकता है जबकि शासन का आदेश है कोई भी सफाई कर्मी अपने गांव में नहीं हो सकता है लेकिन ब्लॉक में एक सफाई कर्मी है जो अपने ही गांव में नियुक्ति है और वह कई सालों से है जब कि ऐसे सफाई कर्मी हैं जो महीने की पगार लेते हैं पर वह दिन भर ऐ सी की हवा खाते हैं कुछ गांव ऐसे हैं जिन गांव में एक भी सफाई कर्मी नही है कुछ गांव ऐसे भी हैं जिनमें दो-तीन सफाई करनी है भ्रष्टाचार की मलाई खाने में व्यस्त अनिल कुमार अपने ऑफिस से बाहर निकले यह जानकारी करें तो कई कमियां पाई जाएंगी इन कमियों को देखते हुए पंचायत भवन में किए गए घोटाले का पर्दाफाश कर के दोषियों पर एफ आई आर दर्ज करें अन्यथा आगे यह खुद दोषी होंगे जिसके एडी ओ पंचायत अनिल कुमार जी खुद जिम्मेदार होंगे